Sunday, 22 September 2019

आखिर ये हिन्दू मुस्लिम आया कहां से


◆राजा दाहिर कौन था जिसने राज गद्दी की खातिर अपनी ही बहन से शादी करली????

◆राजा दाहिर हिन्दू था

पृथ्वीराज चौहान कौन था जिसने अपने खाला जाद भाई की बेटी स्योंगिता को मंडप से उठा लिया था और जबरदस्ती अपनी रानी बना लिया ??/
◆पृथ्वीराज चौहान हिन्दू था

◆महाराणा प्रताप कौन था उसकी जान किसने बचाई??

◆महाराणा प्रताप हिन्दू था

◆महाराणा प्रताप की जान बचाने वाला शख्स #हाकिम_खान_सुर
एक #मुसलमान था ओर इसी युद्ध मे उनके साथी भामाशाह झालामान वगेरह भी महाराणा प्रताप की जान बचाते हुए शहीद हुए

 ◆मेवाड़ के योद्धाओं को ओर महाराणा प्रताप को शिरस्त्राण पहनकर लड़ना किसने सिखाया ???
◆मुसलमान हाकिम खान सुर ने

◆मुगल बादशाह औरंगजेब रह° के एक मुस्लिम सेनापति ने काशी बनारस की एक हिन्दू ब्राह्मण युवती शकुंतला को अपनी हवस का शिकार बनाना चाहा था जिसको औरंगजेब रह°ने इंसाफ दिलाया ओर उस मुस्लिम सेनापति को हाथियों से चिरवा दिया

◆यह इंसाफ आज भी धनेड़ा की मस्जिद में सोने से लिखा हुआ है पर बदनाम करने वाले तो करते ही है
◆हज़रत औरंगजेब रह°ने एक मंदिर तोड़ा मगर क्यूँ ???
हज़रत औरंगजेब रह°ने सैंकड़ो मंदिरों और मठों को जायदाद दी यह किसी को याद नही

◆मन्दिर तोड़ा पर मूर्ति नही तोड़ी
क्योंकि मन्दिर में कच्छ की रानी का पण्डितो ने रेप कर दिया और मन्दिर अपवित्र हो गया उसे तुड़वादिया ओर मूर्ति दूसरी जगह स्थपित करवा दी
(हवाला प्रो,बी, एन, पाण्डे की किताब इतिहास के साथ यह अन्याय)

◆औरंगजेब रह°ने एक मस्जिद तोड़ी मगर क्यों???

◆मस्जिद तोड़ी इसलिये की हैदराबाद के उस दौर के एक निजाम ने 4 साल तक दिल्ली को कोई टेक्स नही दिया यह कहकर की अकाल ओर सूखा पड़ रहा है और उस मुस्लिम कर्मचारी ने अवाम से लगान हर साल वसूल किया और धन को दबाकर उसके ऊपर मस्जिद तामीर करदी

◆बादशाह ने गुप्तचर भेजे की ऐसे हालात है तो उनकी मदद की जाए गुप्तचरों ने सारी जानकारी दी तो बादशाह ने हुक्म दिया यह मस्जिद नाजायज है इसे तोड़ दिया जाए और कर्मचारी को सजा ए मौत और पैसे अवाम की भलाई में खर्च कर दिए जाएं
(हवाला"इतिहास के साथ यह अन्याय)

◆महारानी लक्मी बाई  की जान बचाने वाला शख्स कौन था आखिर तक साथ देनेवाला शख्स कौन था
◆मुसलमान था बाँदा स्टेट के नवाब अली बहादुर( द्वितीय )
जिनका रिश्ता भाई बहन का था
अंग्रेजो के साथ हुई लड़ाई में उनका ये भाई उनके साथ ही था और इसी ने महारानी लक्ष्मीबाई का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाजों से किया
◆अंग्रेजो से लड़ाई के दौरान ग्वालियर के महाराज सिंधिया अंग्रेजो के साथ थे
मगर #मुसलमान नवाब अली बहादुर ओर तात्या टोपे महारानी के साथ थे

◆भारत की स्तिथि जब कमजोर थी लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री थे तब तब भारत की मदद करने वाले #मीरउस्मान_अली_खान
ने 5 टन सोना दिया था

-● हल्दी घाटी युद्ध में महाराणा प्रताप का सेना पति हाकिम खान सूर अफगानी पठान था !
-● अकबर के सेनापति तो राजा मान सिंह सब जानते हैं !
-● गौरी के आक्रमण का प्रमुख कारण ये भी था कि पृथ्वी राज ने गौरी के प्रतिद्वन्दी मीर हुसैन को सौंपने से इंकार कर दिया जिसे पृथ्वी राज ने शरण दे रखी थी !
-● रणथम्भोर का युद्ध हमीर देव चौहान और खिलजी में इसलिये हुआ की हमीर देव ने अपनी शरण में खिलजी के बागी सेनापति मोहम्मद शाह को सुपर्द करने से इंकार कर दिया !
#इस_घटना_पर_गौर_कीजिए
■ मेड़ता के हिन्दू शासक जयमल की जोधपुर के हिन्दू शासक मालदेव से दुश्मनी थी और ताकतवर मालदेव ने जयमल से मेड़ता छीन लिया जो अकबर ने सैफुद्दीन के नेतृत्व में सेना भेज जयमल को वापस मेड़ता दिलवाया ! सैफुद्दीन से जयमल के सम्बन्ध हो गए और ये ही चित्तौड़ पर हमले का कारण बना जब सैफुद्दीन अकबर का बागी हो गया और जयमल ने उसे अकबर के सुपुर्द नही किया तो अकबर ने मेड़ता पर आक्रमण कर दिया और जयमल को चितौड़ के शासक उदय सिंह द्वारा शरण देने पर चितौड़ पर हमला कर दिया। सैफुद्दीन को सुरक्षित मेड़ता पहुंचाने की कौशिश में जयमल के पुत्र सार्दुल सिंह की जान गई !
-● शिवाजी सारी जिंदगी मुगलों से लड़ते रहे पर बेमिशाल उदाहरण मिलता है !
-● शिवाजी के सेनापति ने एक मुगल हाकिम पर हमला कर शिवाजी के समक्ष उस हाकिम की खूबसूरत बेटी को तोहफे के रूप में प्रस्तूत किया तो शिवाजी इस कदर चिढ़े की तुमने मुझे शर्मसार कर दिया और उस युवती को बेटी संबोधित करते तोहफों सहित मुगल हाकिम के पास पहुँचाया और माफ़ी मांगी !
-● वो युद्ध के दौरान किसी मस्जिद को नुकसान ना पहुंचे निर्देश देते थे !
■ इतिहास से स्प्ष्ट है चाहे साम्राज्य वादी झगड़े संघर्ष मुगल हिन्दू शासकों के बीच खूब चले पर उसमे साम्प्रदायिक नफरत बिलकुल नही थी और जनता के बीच तो एक उदाहरण नहीं जब हिन्दू मुस्लिम फसाद हुए हों !

#फिर_आखिर_ये_हिन्दू_मुस्लिम_आया_कहाँ_से
अंग्रेजो की फुट डालो राज करो नीति से उनके द्वारा फ़ंडिंग से #मुस्लिम_लीग और #हिन्दू_महासभा व #संघ का उदय हुआ जिन्ना और इन हिन्दू संगठनों के कथित पूज्य नेताओं ने भारत के बंटवारे की नींव रखी, लाखों जाने बटवारे से पहले व बाद में गयी इस नफरत की खेती से !
-● और अब तो राजनीति निम्नतर स्तर पर है शिवाजी जैसे लोगों का नाम ले कर हिन्दू राष्ट्र का शिवाजी का सपना परोसते हैं !
-● महाराणा प्रताप को हिंदूवादी एंगल देकर नफरत परोसते हैं !
■ आप समझ सकते हैं इस देश के असली गद्दार कौन हैं ! #पाकिस्तान को तो इस नफरती साम्प्रदायिक सोच ने बर्बाद कर दिया, हो सके तो अपने भारत को बचालो इन गद्दारों से क्योंकि अब अंग्रेज़ों से भी धूर्त अमेरिका का इनके सिर पर हाथ है !
◆स्वामी विवेकानंद को शुद्र कहकर अपमानित किसने किया???
स्वामी विवेकानन्द को धर्म संसद में जाने से किसने रोकने की कोशिश की???
◆शिवाजी का बिना नहाए बाएं पैर के अगूँठे से राज्याभिषेक किसने किया

◆बाजीराव पेशवा कौन था जिसे देखकर सुंदर महिलाये खुद खुशी क़र लेती थी???
◆महात्मा ज्योतिराव फुले को मारने के लिए किसने हत्यारे भेजे???
◆महात्मा गाँधी को किसने मारा???

 #जय_हिंद !!!
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Saturday, 21 September 2019

Javed Miyandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge

Javed Miyandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge
Javed Miandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge
Javed miandad

Bhaaat Sarakar Ne Jammu-kashmeer Se Vishesh Darja Vapas Le Liya Hai. Jammoo-kashmeer  Reorganization  Bil Ke Pas Hone Ke Baad Jammoo-kashmeer Kendra Shasit Pradesh Ban Gaya Hai. Ab Jammoo-kashmeer Mein Bharat Ka Kanoon Bina Kisee Badalav Ke Lagoo Hoga. Sath He Sath, Laddakh Ke Hisse Ko Alag Kendra Shasit Pradesh Ka Darja De Diya Gaya Hai. Pakistan Hamesha Se Jammoo-kashmeer Ko Apana Hissa Batata Raha Hai. Bharat Ke Is Kadam Ke Bad Pakistan Mein Halachal Tej Ho Gayi Hai. Kya Neta Aur Kya Karykarta, Har Koi Bharat Ko Kashmeer Ke Masle Par Dhamakane Mein Juta Hai.
Javed Miandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge
Javed Miyandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge

Dhamakane Valon Ke List Mein Naya Naam Juda Hai. Paakistaan Ke Poorve Cricketer Khiladi Javed Miyandad Ka. Khelashel Naam Ke Twitter Account Se Ek Video Post Hua Hai. Video Javed Miyandad Ke Interview Ka Hai. Is Video Mein Miyandad Article 370 Ke Mudde Par Apne Gyan Ki Barish Karte Dikh Rahe Hain

Miandad Ne Kaha,

Agar Apake Pas Licensee Hathiyar Hai, To Apako Hamala Karana Chahiye. Ye Har Jagah Niyam Hai Ki Aap Apane Bachao Mein Maar Sakate Hain. Jab Unke Lashe Gharon Mein Jaengee Tabhee Unako Ahasas Hoga.


Jab Miyandad Se Narendra Modi Ko Paigaam Dene Ke Lie Kaha Gaya, To Unaka Kahana Tha,

Main Pahale Bhee Kah Chuka Hoon Bharat Ek Darapok Desh Hai. Abhee Tak Inhonne Kiya Kya Hai? Parmanu Bam Humne Aise Hee Nahin Rakha Hai, Humne Chalane Ke Liye Rakha Hua Hai. Hamen Mauka Chahiye Aur Ham Saf Kar Denge.

Jaaved Miyandad Ke Criket Career Kee Shuruat 1975 Mein Huee Thee. 21 Saal Lambe Career Mein Miyandad Ne Pakistan Ke Lie 124 Test Aur 233 Vanade Khele Hain. Test Mein 8832 Aur Vanade Mein 7381 Run Banane Ka Record Darj Hai.
Javed Miandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge
Javed Miandad

Cricket Khela Was Javed Miandad Ki Ek Aur Pahachan Bhee Hai. Vo India Ke Most Wanted Apradhi Daood Ibrahim Ke Samdhi Hain

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अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा फैसला

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा फैसला
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई हो रही है. रोज़ाना. और आज यानी 18 सितम्बर को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगले एक महीने के भीतर अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी होगी, ऐसी दोनों पक्षों से आशा की जा सकती है. दोनों पक्षों की दलीलें और अदालत के प्रश्नों के जवाब मिल जाने के बाद कोर्ट इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित कर लेगा. इसके बाद किसी तय तारीख पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आएगा.
तारीख 6 अगस्त. सुप्रीम कोर्ट में जब बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि की सुनवाई शुरू हुई. सबसे पहले मौक़ा दिया गया मामले के हिन्दू पक्ष को. यानी निर्मोही अखाड़े और रामलला विराजमान को. पंद्रह दिनों तक यानी 29 अगस्त तक हिन्दू पक्ष ने अपनी बात रखी.

इसके बाद बारी आई मुस्लिम पक्ष की. सबसे पहले शिया वक्फ़ बोर्ड को मौक़ा दिया गया. जो लम्बे समय से ये दलील देता रहा है कि बाबरी मस्जिद को बनाने वाला मीर बाक़ी शिया था, इसलिए मस्जिद शियाओं को दे दी जाए. और सुन्नी वक्फ बोर्ड का पक्ष रद्द कर दिया जाए. अदालत में भी यही हुआ. लेकिन कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी मौक़ा दिया.
कल यानी 17 सितंबर. सुनवाई का पच्चीसवां दिन. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलें कब पूरी होंगी. ये पूछना इसलिए कि दोनों ही पक्षों के वकील अपने तर्क रखने के बाद भी प्रति प्रश्न में समय ले रहे थे. कोर्ट द्वारा पूछे जाने पर हिन्दू पक्षकारों ने कहा कि हम 2 दिनों का समय लेंगे. सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा कि उन्हें भी 2 दिनों का समय चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप दोनों ने जो समय सीमा दी है, उस हिसाब से ये आशा की जा सकती है कि 18 अक्टूबर तक इस मामले में सारी बहस पूरी हो जाएगी.

खबरें चल रही हैं कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इसी साल 17 नवम्बर को रिटायर होंगे. इसलिए शायद सुप्रीम कोर्ट उसके पहले इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित कर ले. मतलब बहुत हद तक संभव है अगले दो महीने के भीतर इस मामले पर फैसला आ जाए.

Friday, 20 September 2019

तीन हजार रुपए का चालान कटा तो बिजली इंजिनियर ने थाने की बिजली ही काट दी



मेरठ में ट्रैफिक कॉन्सटेबल ने एक आदमी का चालान काट दिया. बिना हेलमेट के स्कूटी चलाने पर. साथ ही उसके पास न तो इंश्योरेंस का कागज था और न पॉल्यूशन सर्टिफिकेट. तो पुलिस ने भाईसाहब को तीन हजार रुपए का चालान हाथ में पकड़ा दिया.

न्यूज 18 की खबर के मुताबिक, ट्रैफिक कॉन्स्टेबल राजेश कुमार अपनी ड्यूटी पर थे. तेजगढ़ी चौराहे से जेई सोम प्रकाश गर्ग ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन करते हुए जा रहे थे. उन्होंने पकड़ लिया और चालान काट दिया. तो उन भाई साहब ने पुलिस चौकी की बिजली कटवा दी.

सोम प्रकाश ने खुद को सरकारी कर्मचारी बताया. उन्होंने सोचा कि अगर वो अपनी पहचान बता देंगे, तो शायद बच जाएंगे. पर कानून सबके लिए बराबर हैं. इसलिए उनका भी और लोगों की तरह चालान हुआ.

सोम प्रकाश को जब रोका गया तो उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी था. पर बाकी के कागज और हेलमेट नहीं थे.

इस दौरान जेई और हेड कॉन्सटेबल के बीच चालान को लेकर लंबी बहस हुई. जेई ने कहा कि कौन-सा पुलिसवाला नियम फॉलो करता है. पुलिस चौकी और थाने पर बिजली के बिल बकाया हैं. उसकी तरफ तो कोई ध्यान नहीं है.

बात यहीं खत्म नहीं हुई. जेई ने फोन करके लाइनमैन को बुलाया और तेजगढ़ी चौकी और मेडिकल थाने की बिजली कटवा दी.

बिजली के जाने के बाद पुलिसवाले परेशान हो गए, उन्होंने बिजली के जाने के कारण पता किया तो मालूम हुआ कि ये काम जेई ने किया है, जिसका चालान किया गया था. फिर उन्होंने अधिकारियों से संपर्क किया और बिजली कनेक्शन को जोड़ने के लिए कहा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थाने पर 27 हजार रुपए का बिल बकाया है. और चौकी का कितना बिल बकाया है, इसकी जानकारी नहीं है. हालांकि अधिकारियों ने जल्द बकाया बिल जमा करने का आश्वासन दिया है.


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Monday, 16 September 2019

360 km का सफर तय कर गोल्ड मेडल लेने पहुंची, मगर बुर्के की वजह से खाली हाथ लौटी

रांची का मारवाड़ी कॉलेज. ग्रेजुएशन सेरेमनी. तारीख़ 15 सितंबर. वक्त- दोपकर के करीब 12 बज रहे थे. सेरेमनी में डिग्री लेने आई ओवर ऑल बेस्ट ग्रेजुएट निशत फातिमा समारोह में डिग्री नहीं ले सकी. क्यों? क्योंकि वह बुर्के में आई थी.

गोल्ड मेडल के लिए निशत का नाम सबसे पहले पुकारा गया. वह बुर्के में थी इसलिए उसे स्टेज पर जाने से रोक दिया गया और मंच से कहा गया कि निशत कॉलेज द्वारा तय ड्रेस कोड में नहीं हैं इसलिए उन्हें समारोह में डिग्री नहीं दी जाएगी. इसके बाद वह अपने सीट पर जाकर बैठ गई. इसक बाद दूसरे टॉपर्स को डिग्री दी गई. निशत पाकुड़ से रांची (करीब 360 किलोमीटर) की दूरी तय करके डिग्री लेने पहुंची थी लेकिन उसे खाली हाथ लौटना पड़ा.

कॉलेज ने पहले ही सेरेमेनी के लिए ड्रेस कोड तय किया था और इसके लिए नोटिस जारी किया गया था. लड़कों को सफेद रंग का कुर्ता पायजामा और छात्राओं को सलवार-सूट, दुपट्टा या साड़ी ब्लाउज में आना था. सभी छात्रों को इस ड्रेस कोड के बारे में पहले ही बता दिया गया था.
निशत के पिता मोहम्मद इमरामुल ने डिग्री नहीं दिए जाने को लेकर कहा कि निशत बिना बुर्का के कहीं नहीं जाती है. बुर्का हमारी परंपरा में शामिल है. इसलिए उसने पर्दा के लिहाज से बुर्का नहीं उतारा. बेटी को मारवाड़ी कॉलेज ले जाकर गोल्ड मेडल और डिग्री ले लेंगे.

Sunday, 15 September 2019

हौसले को सलाम: गले तक पानी में तैरकर बच्चों को पढ़ाने स्कूल जाती है ये टीचर



 ओड़िशा की बिनोदिनी सामल पेशे से अध्यापक हैं और वह रोज बच्चों को पढ़ाने स्कूल जाती हैं। लेकिन घर से निकलने के बाद स्कूल तक का सफर जिस तरह पूरा करती हैं, वह उनकी हिम्मत और अपने पेशे के प्रति जुड़ाव की कहानी कहता है। 49 साल की बिनोदिनी सामल ढेकनाल जिले के राठीपाला प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती हैं। पिछले 11 सालों से स्कूल में पढ़ा रहीं बिनोदिनी ने शायद ही कभी छुट्टी ली हो।


Viral teacher
Viral teacher

स्कूल पहुंचने के लिए नदी पार करती हैं बिनोदिनी सामल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिनोदिनी सामल स्कूल पहुंचने के लिए नदी पार करती हैं, वह भी गर्दन तक पानी में उतरकर। सापुआ नदी में बारिश के दिनों में पानी बढ़ जाता है। इस नदी को पार करने के लिए कोई पुल नहीं है। बरसों पहले 40 मीटर का एक पुल बनाने की बात हुई थी लेकिन अभी तक ये अस्तित्व में नहीं आया। बिनोदिनी गणशिक्षक के तौर पर साल 2008 से पढ़ा रही हैं- उन हजारों शिक्षकों की तरह, जिन्हें 2000 के शुरुआती दिनों में जन शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त किया गया था


Odisha flood
Udisha flood



11 साल से पढ़ा रही हैं बिनोदिनी सामल

एक शिक्षिका होने के साथ-साथ बिनोदिनी सामल को स्कूल पहुंचने के लिए तैराक की भूमिका भी निभानी पड़ती है। दरअसल, मॉनसून के दिनों में उन्हें स्कूल पहुंचने के लिए सपुआ नदी को पार करना होता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी सैलरी 1700 रु थी जो अब 27000 होने जा रही है। कुछ दिनों पहले, उनकी एक तस्वीर फेसबुक पर वायरल हुई थी, जिसमें वह गर्दन तक पानी में उतरकर नदी पार कर रही थीं। वे कहती हैं,'मेरे लिए मेरा काम किसी भी चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। मैं घर पर बैठकर क्या करूंगी।'

Udisha flood viral teacher
Udisha flood viral teacher


राठीपाल स्कूल में 53 बच्चों को पढ़ाती हैं


बिनोदिनी सामल राठीपाल स्कूल में 53 बच्चों को पढ़ाती हैं। ये स्कूल उनके घर से तीन किलोमीटर दूर हिंडोल ब्लॉक के जरीपाल गांव में है। हर दिन बिनोदिनी और स्कूल की प्रिंसिपल काननबाला मिश्रा सपुआ से होकर स्कूल पहुंचते हैं। हालांकि, ये नदी गर्मी के दिनों में ज्यादातर समय सूखी ही रहती है। जबकि मॉनसून के वक्त इसमें पानी बढ़ जाता है। बहुत कम ही ऐसा होता है कि बिनोदिनी छुट्टी लेती हैं। वे बताती हैं कि एक जोड़ी कपड़े स्कूल की आलमारी में रखती हैं ताकि नदी पार करके जाने के बाद गीले कपड़ों को बदल सकें। बिनोदिनी एक से 3 कक्षा के बच्चों को पढ़ाती हैं


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