Saturday, 21 September 2019

Javed Miyandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge

Javed Miyandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge
Javed Miandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge
Javed miandad

Bhaaat Sarakar Ne Jammu-kashmeer Se Vishesh Darja Vapas Le Liya Hai. Jammoo-kashmeer  Reorganization  Bil Ke Pas Hone Ke Baad Jammoo-kashmeer Kendra Shasit Pradesh Ban Gaya Hai. Ab Jammoo-kashmeer Mein Bharat Ka Kanoon Bina Kisee Badalav Ke Lagoo Hoga. Sath He Sath, Laddakh Ke Hisse Ko Alag Kendra Shasit Pradesh Ka Darja De Diya Gaya Hai. Pakistan Hamesha Se Jammoo-kashmeer Ko Apana Hissa Batata Raha Hai. Bharat Ke Is Kadam Ke Bad Pakistan Mein Halachal Tej Ho Gayi Hai. Kya Neta Aur Kya Karykarta, Har Koi Bharat Ko Kashmeer Ke Masle Par Dhamakane Mein Juta Hai.
Javed Miandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge
Javed Miyandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge

Dhamakane Valon Ke List Mein Naya Naam Juda Hai. Paakistaan Ke Poorve Cricketer Khiladi Javed Miyandad Ka. Khelashel Naam Ke Twitter Account Se Ek Video Post Hua Hai. Video Javed Miyandad Ke Interview Ka Hai. Is Video Mein Miyandad Article 370 Ke Mudde Par Apne Gyan Ki Barish Karte Dikh Rahe Hain

Miandad Ne Kaha,

Agar Apake Pas Licensee Hathiyar Hai, To Apako Hamala Karana Chahiye. Ye Har Jagah Niyam Hai Ki Aap Apane Bachao Mein Maar Sakate Hain. Jab Unke Lashe Gharon Mein Jaengee Tabhee Unako Ahasas Hoga.


Jab Miyandad Se Narendra Modi Ko Paigaam Dene Ke Lie Kaha Gaya, To Unaka Kahana Tha,

Main Pahale Bhee Kah Chuka Hoon Bharat Ek Darapok Desh Hai. Abhee Tak Inhonne Kiya Kya Hai? Parmanu Bam Humne Aise Hee Nahin Rakha Hai, Humne Chalane Ke Liye Rakha Hua Hai. Hamen Mauka Chahiye Aur Ham Saf Kar Denge.

Jaaved Miyandad Ke Criket Career Kee Shuruat 1975 Mein Huee Thee. 21 Saal Lambe Career Mein Miyandad Ne Pakistan Ke Lie 124 Test Aur 233 Vanade Khele Hain. Test Mein 8832 Aur Vanade Mein 7381 Run Banane Ka Record Darj Hai.
Javed Miandad Ne Kaha, Bharat Ko Nuclear Bom Marakar Saf Kar Denge
Javed Miandad

Cricket Khela Was Javed Miandad Ki Ek Aur Pahachan Bhee Hai. Vo India Ke Most Wanted Apradhi Daood Ibrahim Ke Samdhi Hain

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अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा फैसला

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा फैसला
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई हो रही है. रोज़ाना. और आज यानी 18 सितम्बर को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगले एक महीने के भीतर अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी होगी, ऐसी दोनों पक्षों से आशा की जा सकती है. दोनों पक्षों की दलीलें और अदालत के प्रश्नों के जवाब मिल जाने के बाद कोर्ट इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित कर लेगा. इसके बाद किसी तय तारीख पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आएगा.
तारीख 6 अगस्त. सुप्रीम कोर्ट में जब बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि की सुनवाई शुरू हुई. सबसे पहले मौक़ा दिया गया मामले के हिन्दू पक्ष को. यानी निर्मोही अखाड़े और रामलला विराजमान को. पंद्रह दिनों तक यानी 29 अगस्त तक हिन्दू पक्ष ने अपनी बात रखी.

इसके बाद बारी आई मुस्लिम पक्ष की. सबसे पहले शिया वक्फ़ बोर्ड को मौक़ा दिया गया. जो लम्बे समय से ये दलील देता रहा है कि बाबरी मस्जिद को बनाने वाला मीर बाक़ी शिया था, इसलिए मस्जिद शियाओं को दे दी जाए. और सुन्नी वक्फ बोर्ड का पक्ष रद्द कर दिया जाए. अदालत में भी यही हुआ. लेकिन कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी मौक़ा दिया.
कल यानी 17 सितंबर. सुनवाई का पच्चीसवां दिन. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलें कब पूरी होंगी. ये पूछना इसलिए कि दोनों ही पक्षों के वकील अपने तर्क रखने के बाद भी प्रति प्रश्न में समय ले रहे थे. कोर्ट द्वारा पूछे जाने पर हिन्दू पक्षकारों ने कहा कि हम 2 दिनों का समय लेंगे. सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा कि उन्हें भी 2 दिनों का समय चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप दोनों ने जो समय सीमा दी है, उस हिसाब से ये आशा की जा सकती है कि 18 अक्टूबर तक इस मामले में सारी बहस पूरी हो जाएगी.

खबरें चल रही हैं कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इसी साल 17 नवम्बर को रिटायर होंगे. इसलिए शायद सुप्रीम कोर्ट उसके पहले इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित कर ले. मतलब बहुत हद तक संभव है अगले दो महीने के भीतर इस मामले पर फैसला आ जाए.

Friday, 20 September 2019

तीन हजार रुपए का चालान कटा तो बिजली इंजिनियर ने थाने की बिजली ही काट दी



मेरठ में ट्रैफिक कॉन्सटेबल ने एक आदमी का चालान काट दिया. बिना हेलमेट के स्कूटी चलाने पर. साथ ही उसके पास न तो इंश्योरेंस का कागज था और न पॉल्यूशन सर्टिफिकेट. तो पुलिस ने भाईसाहब को तीन हजार रुपए का चालान हाथ में पकड़ा दिया.

न्यूज 18 की खबर के मुताबिक, ट्रैफिक कॉन्स्टेबल राजेश कुमार अपनी ड्यूटी पर थे. तेजगढ़ी चौराहे से जेई सोम प्रकाश गर्ग ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन करते हुए जा रहे थे. उन्होंने पकड़ लिया और चालान काट दिया. तो उन भाई साहब ने पुलिस चौकी की बिजली कटवा दी.

सोम प्रकाश ने खुद को सरकारी कर्मचारी बताया. उन्होंने सोचा कि अगर वो अपनी पहचान बता देंगे, तो शायद बच जाएंगे. पर कानून सबके लिए बराबर हैं. इसलिए उनका भी और लोगों की तरह चालान हुआ.

सोम प्रकाश को जब रोका गया तो उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी था. पर बाकी के कागज और हेलमेट नहीं थे.

इस दौरान जेई और हेड कॉन्सटेबल के बीच चालान को लेकर लंबी बहस हुई. जेई ने कहा कि कौन-सा पुलिसवाला नियम फॉलो करता है. पुलिस चौकी और थाने पर बिजली के बिल बकाया हैं. उसकी तरफ तो कोई ध्यान नहीं है.

बात यहीं खत्म नहीं हुई. जेई ने फोन करके लाइनमैन को बुलाया और तेजगढ़ी चौकी और मेडिकल थाने की बिजली कटवा दी.

बिजली के जाने के बाद पुलिसवाले परेशान हो गए, उन्होंने बिजली के जाने के कारण पता किया तो मालूम हुआ कि ये काम जेई ने किया है, जिसका चालान किया गया था. फिर उन्होंने अधिकारियों से संपर्क किया और बिजली कनेक्शन को जोड़ने के लिए कहा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थाने पर 27 हजार रुपए का बिल बकाया है. और चौकी का कितना बिल बकाया है, इसकी जानकारी नहीं है. हालांकि अधिकारियों ने जल्द बकाया बिल जमा करने का आश्वासन दिया है.


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Monday, 16 September 2019

360 km का सफर तय कर गोल्ड मेडल लेने पहुंची, मगर बुर्के की वजह से खाली हाथ लौटी

रांची का मारवाड़ी कॉलेज. ग्रेजुएशन सेरेमनी. तारीख़ 15 सितंबर. वक्त- दोपकर के करीब 12 बज रहे थे. सेरेमनी में डिग्री लेने आई ओवर ऑल बेस्ट ग्रेजुएट निशत फातिमा समारोह में डिग्री नहीं ले सकी. क्यों? क्योंकि वह बुर्के में आई थी.

गोल्ड मेडल के लिए निशत का नाम सबसे पहले पुकारा गया. वह बुर्के में थी इसलिए उसे स्टेज पर जाने से रोक दिया गया और मंच से कहा गया कि निशत कॉलेज द्वारा तय ड्रेस कोड में नहीं हैं इसलिए उन्हें समारोह में डिग्री नहीं दी जाएगी. इसके बाद वह अपने सीट पर जाकर बैठ गई. इसक बाद दूसरे टॉपर्स को डिग्री दी गई. निशत पाकुड़ से रांची (करीब 360 किलोमीटर) की दूरी तय करके डिग्री लेने पहुंची थी लेकिन उसे खाली हाथ लौटना पड़ा.

कॉलेज ने पहले ही सेरेमेनी के लिए ड्रेस कोड तय किया था और इसके लिए नोटिस जारी किया गया था. लड़कों को सफेद रंग का कुर्ता पायजामा और छात्राओं को सलवार-सूट, दुपट्टा या साड़ी ब्लाउज में आना था. सभी छात्रों को इस ड्रेस कोड के बारे में पहले ही बता दिया गया था.
निशत के पिता मोहम्मद इमरामुल ने डिग्री नहीं दिए जाने को लेकर कहा कि निशत बिना बुर्का के कहीं नहीं जाती है. बुर्का हमारी परंपरा में शामिल है. इसलिए उसने पर्दा के लिहाज से बुर्का नहीं उतारा. बेटी को मारवाड़ी कॉलेज ले जाकर गोल्ड मेडल और डिग्री ले लेंगे.

Friday, 13 September 2019

दुनिया की वो मस्जिद जिसे जिन्नो ने बनाया “मस्जिद” और नक्काशी देखकर लोगो ने अपने मुँह पर हाथ रखा

duniya kee vo masjid jise jinno ne banaaya "masjid" aur nakkaashee dekhakar logo ne apane munh par haath rakh liya
duniya kee vo masjid jise jinno ne banaaya "masjid" aur nakkaashee dekhakar logo ne apane munh par haath rakh liya
Tabang masjid

is duniya mein bahut se savaal aise hain jinaka koee javaab nahin hai aur bahut se aise ajeebo gareeb cheeze, kandheteaisee hai jinhe dekhakar munh se khud nikal jaatee hai kee - ye kaise bana hoga? kisane banaaya hoga? kyon banaayaahoga!
maleshiya kee taabaang masjid ko dekhakar, sunakar, logo ya to kaano par ya munh par ya yu kahe aankhon par bheehaan rakh lete hai -
is masjid ko majadur aur kaareegaron ne nahin banaaya isakee pushti duniya baar ke vaigyaanik kar chuke hai kyukeeisakee deevaaron par nakkaashee aisee aur itanee baareek kee gaee hai jo masheenon se bilakul mumakin nahin hai - usasamay jab ye masjeed timaar (banaee gaee) isamen 2 se lekar 5 kuntal ke patthar ka istemaal kiya gaya hai!


duniya kee vo masjid jise jinno ne banaaya "masjid" aur nakkaashee dekhakar logo ne apane munh par haath rakh liya
Tabang masjid

ye masjid maleshiya shahar ke malang shahar eest jaava mein hai yahaan ke log is baat kee gandh dete hai kee ek samajab vo sokar uthe to ye masjid unhen banee huee milee! ye masjid 1991 mein timaar kee gaee jo kee jyaada samay ho gaya!



is baare mein ek kahaanee bahut prachalit hai kee isamen jo bhee banda fazr kee namaaz padhane jaata hai vo eesha keenamaaz padhakar nikalata hai .log kahate hai is masjid mein aakar unhen sukoon milata hai aur dil dimaag haracheez ko bhool jaata hai aur ek hava aalki see chalatee hai jime insaano ko neend ke jhoke aane lagate hai jab vonamaaz nahin padh raha hota!
duniya kee vo masjid jise jinno ne banaaya "masjid" aur nakkaashee dekhakar logo ne apane munh par haath rakh liya
Tabang masjid

bataaya jaata hai jab isamen jinn kaam kar rahe the to isake meenaar ka kaam chal raha tha aur jaise hee fazr keeazaan huee kaam rook gaya, aur aaj tak us gumbad ko koee bhee kaareegar pooree nahin kar saka hai aur usameenaar - paanee kabhee nahin tapakata jo kee hairat kee baat hai


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Wednesday, 6 March 2019

क्या हुआ था जब औरंगजेब अजमेर शरीफ दरगाह गए ?

करामात खुवाज़ा गरीब नवाज की औरंगजेब की ज़िद को पूरा करना कहानी औलिया अल्लाह की 

क्या हुआ था जब औरंगजेब अजमेर शरीफ दरगाह गए ?
aurangzeb  khwaja ke darbar mein

अस्सलामु अलैकुम दोस्तो आज में आपको खुवाज़ा गरीब नवाज़ मज़ार और औरंगजेब की कहानी बताता हूँ पूरा जाने के लिए आखरी तक जरूर पढ़े

बादशाह औरंगजेब को वलियों के मुतालिक गलतफहमी थी
के अल्लाह का कोई भी वाली मरने के बाद मजार में जिंदा नहीं रहता है
अपने इसी वहम  को दूर करने के लिए एक बार बादशाह औरंगजेब गरीब नवाज़ रहमतुल्लाहअलैह की मज़ार की ज़्यारत के लिए अजमेर आया अजमेर पहुंचकर औरंगजेब ने कहा की  मानता हूं कि ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलेह अल्लाह के वली मगर मैं जब मजार  पर मैं उनको सलाम पेश करूं तो मुझे जवाब मिलना चाहिए वरना मैं मज़ार को तोड़ दूंगा बादशाह औरंगजेब जब मज़ार पर पहुंचा तो वहां एक अंधा  शख्स बैठे इंतजार कर रहा था
बादशाह औरंगजेब ने पूछा ऐ सख्स क्या मामला है तो उस
सख्स ने फरमाया मैंआँखों से अंधा हूँ मै बहुत अरसे से खुवाज़ा के वसीले से दुआ कररहा हूँ की मेरे आंखो की बिनाई आजाये मतलब रोशनी मिल जाये लेकिन कोई फायदा नही हुवा तब औरंगजेब ने उससे कहा की मैं मज़ार में सलाम पेश करने  के लिये जारहा हूँ
क्या हुआ था जब औरंगजेब अजमेर शरीफ दरगाह गए ?
Aurangzeb in ajmer
और जब मैं वापस अऊ अगर तब तक तुझे आँखों की रोशनी नही मिली तो मै तलवार से तेरी गर्दन काट दूंगा
 तो अंधा शख्स परेशान हो गया की अब तक तो आंखों में बन आई थी अब तो आंखों साथ साथ जान पर भी बन आयी  है तो फिर उसने अब और जोर से तड़प कर खुवाज़ा गरीब नवाज  के वसीले दुआ की
 जब औरंगजेब ने ख्वाजा गरीब नवाज को सलाम पेश किया तो जवाब नही  मिला  दुबारा सलाम पेश किया तो भी जवाब नहीं मिला तीसरी बार सलाम किया तो मजार के अंदर से सलाम का  जवाब मिला  फिर ख्वाजा गरीब नवाज ने कहा कि औरंगजेब आइंदा से फिर ऐसी कभी जिद मत करना  तुम्हारी जिद की वजह से मैं उस अंधे सख्श की रोशनी लाने के लिए अर्श ईलाही पे गया था
 और इसीलिए सलाम का जवाब देने में थोड़ी देर हो गई
  माशा अल्लाह ख्वाजा की इसी  अज़ीमो  शान के बाद बादशा औरंगजेब  रहमतुल्लाह आले अल्लाह के एक बहुत  बड़ा वली बना और फ़तवाई आलम ग्रि जो के इस्लाम के  मुतालिक फतवे देती है एक ऐसी किताब एक ऐसा कानून इस्लाम के लिए बनाया

   होके मायूस तेरे दर से सवाली न गया
   भर गई झोलियां सबकी कोई खाली न गया
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क्या हुआ था जब औरंगजेब अजमेर शरीफ दरगाह गए ?
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